अमेरिका में आज इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती होगी। इसके बाद डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन (प्रेसिडेंट इलेक्ट) की जीत पर मुहर लग जाएगी। बाइडेन 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। शपथ वाले दिन को इनॉगरेशन डे कहा जाता है।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 3 नवंबर को हुआ था। इलेक्टोरल कॉलेज वोटिंग 14 दिसंबर को हुई थी। अब इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की औपचारिक काउंटिंग अमेरिकी संसद के दोनों सदन संयुक्त रूप से करेंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (HOR) की कम्बाइंड मीटिंग होगी। यहां इस प्रॉसेस को समझने की कोशिश करते हैं।
यह है व्यवस्था
सीनेट के 100 और HOR के 435 सदस्य साथ बैठेंगे। यह मीटिंग HOR बिल्डिंग में होगी। इसे आप हमारी लोकसभा की तरह मान सकते हैं। 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही HOR के 435 और सीनेट के एक तिहाई (33) सदस्यों का भी चुनाव हुआ था। सांसदों की शपथ राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण से पहले हो जाती है। लिहाजा, वे संवैधानिक तौर पर देश के भावी राष्ट्रपति के नाम पर मुहर लगाते हैं।
संयुक्त बैठक की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति (इस बार माइक पेंस) करते हैं। अल्फाबेटिकली हर राज्य के बैलट बॉक्स खोले जाते हैं। नाम लेकर बताया जाता है कि किस इलेक्टर ने किस कैंडिडेट को वोट दिया है।
मुकाबला टाई हो जाए तो?
मान लीजिए दोनों कैंडिडेट्स को 269-269 वोट मिलें, तो क्या होगा? इन हालात में उसी वक्त संसद आकस्मिक चुनाव (contingent election) करेगी। इसमें भी एक पेंच है। अगर राष्ट्रपति का मामला फंसता है तो HOR और अगर उपराष्ट्रपति तय नहीं हो पा रहा है तो सीनेट फैसला करती है।
राष्ट्रपति के मामले में हर राज्य का एक ही वोट होगा। यानी 50 राज्य और इतने ही यानी 50 वोट। जिस कैंडिडेंट को 26 या उससे ज्यादा वोट मिलेंगे वो जीत जाएगा। उपराष्ट्रपति के मामले में सीनेट के 100 सदस्य वोट करते हैं। जिसे 51 वोट मिलते हैं वो जीत जाता है। 1836 में ऐसा हो चुका है।
ट्रम्प की जिद का क्या होगा?
ट्रम्प ने न तो अब तक हार मानी है और न प्रेसिडेंट इलेक्ट को बधाई देने की परंपरा निभाई। वे इलेक्शन फ्रॉड का दावा कर रहे हैं। लेकिन, इलेक्टोरल कॉलेज वोटिंग में बाइडेन की जीत तय हो चुकी है, इसलिए इनकी काउंटिंग औपचारिकता ही नजर आती है।
इस बार कुछ अलग हो सकता है क्या?
मिसौरी के सीनेटर जोश हॉले का कहना है कि वो इलेक्टोरल कॉलेज की काउंटिंग पर आपत्ति दर्ज कराएंगे। लेकिन, अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। बाइडेन को 306 और ट्रम्प को 232 वोट मिल चुके हैं। लिहाजा, कांग्रेस में होने वाली काउंटिंग सिर्फ औपचारिकता है। इसकी एक वजह यह भी है कि अमेरिका में हर राज्य का अपना संविधान है और राज्य अपने इलेक्टर्स वोट्स को सर्टिफाइड करके भेजते हैं। यानी शक की गुंजाइश नहीं होती।
संसद में काउंटिंग को चैलेंज से क्या होगा
‘शिकागो ट्रिब्यून’ के मुताबिक, HOR में डेमोक्रेट्स का बहुमत है। इसके अलावा कई रिपब्लिकन सांसद ऐसे हैं, जो सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि बाइडेन ही प्रेसिडेंट इलेक्ट हैं। मिच मैक्डोनेल जैसे सीनियर रिपब्लिकन सांसद तो अपनी पार्टी के दूसरे साथियों से कह रहे हैं कि वे काउंटिंग में कोई रोड़ा न डालें।
पेंस के लिए दिक्कत क्यों?
अमेरिका में अमूमन राष्ट्रपति दो कार्यकाल पूरे करते रहे हैं। ट्रम्प को पहले कार्यकाल के बाद हार का सामना करना पड़ा। संयुक्त सत्र की अध्यक्षता वाइस प्रेसिडेंट माइक पेंस करेंगे। उन्हें डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन का नाम राष्ट्रपति और कमला हैरिस का नाम उपराष्ट्रपति के तौर पर ऐलान करना होगा। यह असहज स्थिति होगी, क्योंकि वे खुद रिपब्लिकन हैं। इसके अलावा उनका बॉस यानी ट्रम्प हार मानने से इनकार करता रहा है।
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source https://www.bhaskar.com/international/news/us-electoral-votes-counting-today-joe-biden-128093522.html
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