भारत व चीन जैसे देशों के उलट दक्षिण कोरिया घटती आबादी से चिंतित है। दक्षिणा कोरिया के इतिहास में पहली बार देश की जनसंख्या इस साल घट गई। साल 2020 में जन्म से ज्यादा मौतें हुई हैं। दक्षिण कोरिया पहले से ही दुनिया में सबसे कम जन्म दर वाला देश है।
ताजा जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर अंत तक देश की आबादी 51,829,023 थी। पिछले साल के मुकाबले यह 20,838 कम है। साल 2020 में यहां सिर्फ 275,800 बच्चों का जन्म हुआ है। यह साल 2019 की तुलना में 10 फीसदी कम है। वहीं, पिछले साल दक्षिण कोरिया में करीब 307,764 लोगों की मौत हुई है। देश की आबादी कई दशकों से साल दर साल बढ़ रही थी लेकिन ग्रोथ रेट घट रही है। साल 2010 में ग्रोथ रेट 1.49% जो 2019 तक घटकर 0.05% पर आ गई। साल 2019 में दक्षिण कोरिया में जन्मदर मात्र 0.92 रह गई।
मौजूदा आंकड़ों ने एक बार फिर दक्षिण कोरिया को अपनी नीतियों पर सोचने पर मजबूर कर दिया है। देश के गृह मंत्रालय ने अपनी नीतियों में इसके मद्देनजर ‘मूलभूत बदलाव’ की बात कही है। एशिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए घटती जनसंख्या के साथ-साथ बुजुर्ग होती आबादी भी चिंता की विषय है। वर्तमान में 60 साल के लोगों की संख्या कुल आबादी की 24 फीसदी हो गई है।
बढ़ती उम्र वाली अधिक आबादी के चलते स्वास्थ्य सेवाओं और पेंशन की मद में अधिक राजस्व खर्च करने का दबाव बढ़ रहा है। वहीं, नौजवानों की कम होती आबादी की वजह से देश में कामगारों की कमी हो रही है। दक्षिण कोरिया में बड़े पैमाने पर महिलाएं काम और जिंदगी की दूसरी जरूरतों के बीच संतुलन बनाने को लेकर जूझती रहती हैं। लिहाजा वो बच्चे पैदा करने और शादी से बी परहेज कर रही हैं।
साल 2022 से जन्म लेने बच्चे को 675 यूरो की मदद
पिछले महीने राष्ट्रपति मून जेई ने कम जन्म दर की समस्या से निपटने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की हैं। इसमें परिवारों को नकद पैसे देने जैसी पहल भी शुरू की गई है। इस योजना के तहत 2022 से हर जन्म लेने वाले बच्चे पर 10 लाख वॉन (दक्षिण कोरियाई मुद्रा) (675 यूरो यानी 67 हजार भारतीय रुपया) की राशि मां को दी जाएगी। इसके अलावा एक साल की उम्र तक तीन लाख वॉन प्रति महीने दिए जाएंगे। साल 2025 से यह रकम बढ़ाकर पाँच लाख वॉन कर दी जाएगी।
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source https://www.bhaskar.com/international/news/deaths-over-birth-and-rapidly-aging-population-increase-concern-128088730.html
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