पृथ्वी पिछले 50 सालों में किसी भी समय की तुलना में तेजी से घूम रही है। वैज्ञानिक अब इस बात परेशान है कि इसे कैसे मैनेज किया जाए। पृथ्वी में ये बदलाव पिछले साल आया था। डेली मेल की खबर के अनुसार, पृथ्वी इस समय 24 घंटे में 0.5 मिलीसेकेंड कम समय लेकर घूम रही है यानी हमारे 24 घंटे में 0.5 मिलीसेकेंड कम हो चुके हैं। 19 जुलाई 2020 का दिन 24 घंटे से 1.4602 मिलीसेकेंड कम था। इससे पहले सबसे छोटा दिन 2005 में था, लेकिन पिछले 12 महीनों में ये रिकॉर्ड कुल 28 बार टूटा है।
पेरिस स्थित इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन सर्विस के वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के घूमने की रफ्तार का असर 2021 में ज्यादा देखने मिलेगा। सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट पीटर व्हिबर्ली ने कहा कि यह बात सही है कि पृथ्वी अपने तय समय से कम समय में एक चक्कर पूरा कर रही है। हो सकता है कि पृथ्वी पर रह रहे लोगों को समय के साथ चलने के लिए निगेटिव लीप सेकंड जोड़ना पड़े। 1970 से अब तक 27 लीप सेकंड जोड़ चुके हैं। पिछली बार साल 2016 में लीप सेकंड जोड़ा गया है।
हमारे जीवन पर क्या असर होगा?
पृथ्वी अपनी धुरी पर ज्यादा तेजी से घूम रही है, इसकी वजह से सभी देशों का समय बदल जाता है। इससे हमारी संचार व्यवस्था में भी दिक्कतें आ सकती हैं क्योंकि सेटेलाइट्स और संचार यंत्र सोलर टाइम के अनुसार ही सेट किया जाते है। ये समय तारों, चांद और सूरज के पोजिशन के अनुसार सेट की जाती है। नेविगेशन सिस्टम पर भी इसका असर पड़ेगा।
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source https://www.bhaskar.com/international/news/earth-is-moving-fast-on-its-axis-reduced-05-ml-seconds-in-24-hours-128097188.html
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